उत्तराखंड की बेटियों ने IAS की परीक्षा में लहराया परचम, अपूर्वा पांडे स्टेट टॉपर

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उत्तराखंड की बेटियों ने IAS की परीक्षा में लहराया परचम, अपूर्वा पांडे स्टेट टॉपर
देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के शुक्रवार को घोषित नतीजों में उत्तराखंड के होनहारों ने शानदार प्रदर्शन किया है। टॉप 100 रैंक में उत्तराखंड की दो बेटियों ने जगह बनाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसर बनने के लिए अपनी सीट पक्की कर ली। हल्द्वानी की अपूर्वा पांडे को 39 और उत्तराखंड की ही प्रतिष्ठा ममगाईं को 50वीं रैंक हासिल हुई है।
अपूर्वा को दूसरे प्रयास में मिली सफलता
अपूर्वा को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। अपूर्वा मूल रूप से अल्मोड़ा के खोल्टा की निवासी हैं। अपूर्वा के पिता केसी पांडे पॉलीटेक्निक कॉलेज कोटाबाग में इंजीनियरिंग के प्रवक्ता हैं। मां मीना पांडे जीजीआईसी नैनीताल में रसायन विज्ञान की लेक्चरर हैं। इससे पहले बीटेक की पढ़ाई के दौरान भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी।
उत्तराखंड के हल्द्वानी की अपूर्वा पांडे ने यूपीएससी परीक्षा में देश में 39वीं रैंक हासिल की है। खास बात यह है कि परिवार में अपूर्वा पहली आईएएस अधिकारी बनेंगी। अपूर्वा के पूरे परिवार के आठ सदस्य शिक्षक हैं, जबकि रिश्तेदारों में भी शिक्षकों की संख्या अधिक है। डॉक्टर भी इस परिवार से रह चुके हैं। दूसरे प्रयास में आईएएस बनने वाली अपूर्वा पांडे ने लाइव हिन्दुस्तान से अपनी सफलता का राज साझा किया।
जानिए, अपूर्वा पांडे की सफलता की ट्रिक
अपूर्वा पांडे ने बिना कोचिंग के सफलता हासिल की है। उन्होंने अपनी तैयारी का तरीका हिन्दुस्तान से साझा किया। उन्होंने बताया कि यह सफलता उन्हें दूसरे प्रयास में मिली है। बताया कि उनको अपनी पढ़ाई के तरीके पर भरोसा था, इसलिए कभी कोचिंग नहीं ली। साल 2016 में बीटेक पूरा करने के बाद करीब सवा साल तैयारी की। पढ़ाई के लिए बेसिक किताबें सारी खरीदीं। इसके साथ ही ऑनलाइन बेवसाइट से पढ़ाई का मैटर निकालकर पढ़ाई की। बताया कि 18 जून 2017 को प्री परीक्षा हुई थी। इसके बाद अक्तूबर 2017 में मुख्य परीक्षा हुई। मार्च में इंटरव्यू हुआ था। जिसमें उनको 39वीं रैंक मिली है।
घर में बधाई देने वालों का तांता
अपूर्वा के चयन पर शुक्रवार की शाम परिवार के सभी सदस्य उनके घर पर बधाई देने पहुंच गए थे। अपूर्वा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय माता-पिता को दिया है। अपूर्वा के पिता केसी पांडे राजकीय पॉलीटेक्निक कोटाबाग में इंजीनियरिंग के प्रवक्ता हैं। मां मीना पांडे जीजीआईसी नैनीताल में रसायन विज्ञान की प्रवक्ता हैं। छोटा भाई मनीष पांडे भारतीय सांख्यिकी संस्थान बेंगलुरू में है।
कोई शिक्षक तो कई डाक्टर, जानिए परिजनों का स्टेटस
अपूर्वा के पिता ने बताया कि उनके बड़े भाई डॉ. प्रकाश चंद्र पांडे जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ऊधमसिंह नगर के पद से रिटायर हैं। जबकि भाभी आशा पांडे जीजीआईसी काशीपुर से भूगोल विषय की प्रवक्ता पद से रिटायर हैं। दूसरे भाई केसी पांडे आदित्य नाथ झा राजकीय इंटर कॉलेज, रुद्रपुर के प्रधानाचार्य पद से रिटायर हुए हैं। उनकी पत्नी किरन पांडे जीजीआईसी गदरपुर में संस्कृत की प्रवक्ता हैं। छोटे भाई डॉ. विमल पांडे और उनकी पत्नी डॉ. सीमा पांडे डीएसबी कैंपस नैनीताल में भौतिक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं। छोटे भाई चारु चंद्र पांडे जीआईसी डीनापानी में प्रवक्ता हैं। बताया कि उनकी बड़ी बहन अनीता पंत जीजीआईसी राजपुरा में सहायक अध्यापक हैं। जबकि दूसरी बहन कंचनलता पंप मानस मंदिर स्कूल पिथौरागढ़ में शिक्षिका हैं। उनके पति डॉ.अशोक पंत भी देव सिंह इंटर कालेज, पिथौरागढ़ में प्रधानाचार्य हैं। बताया कि अपूर्वा की मौसी रमा पाठक भी जीआईसी पवलगढ़, रामनगर में शिक्षिका हैं
इन्होंने फहराया परचम
1. अपूर्वा पांडे (39 रैंक)
2. प्रतिष्ठा ममगाईं (50 रैंक)
3. विशाखा डबराल (134रैंक)
4. शानू डिमरी (270 रैंक)
5. रितेश भट्ट (302 रैंक)
6. मनी अरोड़ा (360 रैंक)
7. आदित्य पंत (368 रैंक)
8. सुदर्शन भट्ट (423 रैंक)
9. वर्णित नेगी (504 रैंक)
10. मुकुल जमलोकी (505 रैंक)
11. मोनिका राणा (577 रैंक)
12. मोहित जोशी (918 रैंक)
13. मयंक नेगी (944 रैंक)
मुकुल और रितेश ने सुधारी रैंक
यूपीएससी की पिछले साल हुई परीक्षा में देहरादून के मुकुल जमलोकी और रितेश भट्ट ने सफलता अर्जित की थी। मुकुल को तब 609 और रितेश को 361 रैंक हासिल हुई थी। इस बार रितेश ने 302 और मुकुल ने 505वीं रैंक हासिल की है।
sources: hindustan newspaper
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